लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
लोगों के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। लोगों के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
सदगुरु और महाभारत के रचयिता व्यास की महिमा का वर्णन करता लेख सदगुरु और महाभारत के रचयिता व्यास की महिमा का वर्णन करता लेख
यूँ शर्मिंदा होना पड़े, जैसे आप और मैं अभी हो रहे हैं। यूँ शर्मिंदा होना पड़े, जैसे आप और मैं अभी हो रहे हैं।
वैचारिक/बौद्धिक संपन्नता व अध्यात्मिक सम्पन्नता बहुत गहरे अर्थों में एक दूसरे के पूरक हैं वैचारिक/बौद्धिक संपन्नता व अध्यात्मिक सम्पन्नता बहुत गहरे अर्थों में एक दूसरे के...